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Monday, July 2, 2018

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---------- Forwarded message ---------
From: Arun Srivastav <arunmadhopuriya2007@gmail.com>
Date: Mon, Jul 2, 2018 at 3:22 PM
Subject:
To: <arunmadhopuriya2007.arunsri@blogger.com>


हनुमान चालीसा के उपरोक्त चौपाई के अनुसार गुरु के पास हमेशा खाली दिमाग ही जाये, बुद्धिमान बनकर आप गुरु से कुछ भी नहीं सीख सकते हैं. तुलसीदास जी कहते हैं "बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौ पवन कुमार" . 
अगर आप को जीवन का आनंद उठाना है तो गुरु के चरणों में बैठकर निर्मल मन से प्रभु को याद करें, प्रभु के प्रार्थना से आपको चार तरह के फल मिलेंग. 
१. बल 
२. बुद्धि 
३. विद्या 
४. क्लेश और विकार से मुक्ति

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With Regards

Arun Srivastava

GST PRACTITIONER / TAX CONSULTANT
9918093967





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Arun Srivastava

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गुरु वंदना

श्री गुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुरी सुधार ,
बरनउ रघुबर बिमल यश जो दायक फल चार। 
बुद्धिहीन तनु जानी के सुमिरौ पवन कुमार ,
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरउ कलेष विकार। 


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With Regards

Arun Srivastava

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